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पर्व पर्यटन-विशेष: होती नागपंचमी के त्यौहार को बच्चों ने गुड़िया पीट कर मनाया



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धीरज वर्मा/निचलौल


हिंदू धर्म में नागपंचमी को एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है।

नाग पंचमी शुक्रवार को पूरे देश में एक साथ मनाया गया। हिंदी पंचांग के अनुसार नाग पंचमी का पर्व हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। नाग पंचमी के दिन भगवान शिव और नाग देवता की पूजा की जाती है। इससे वे प्रसन्न होते हैं और लोगों का ये मानना है कि भगवान शिव की कृपा से काल सर्प दोष व राहु-केतु का कुप्रभाव भी समाप्त हो जाता है।

लेकिन अब ये त्योहार विलुप्त होती नजऱ आ रही है,पहले ये त्योहार हर गांव शहर में खूब धूमधाम से मनाया जाता था लेकिन अब ये कहीं कहीं गावों में देखने को मिलता है।इस दिन लड़के कंडे का बाण बना कर लड़कियां द्वारा बनाये कपड़ो की गुड़िया को पीटते हैं।


गुड़िया पीटने की क्या है परम्परा-

इसके पीछे कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं। जिसमे से एक कथा के मुताबिक, तक्षक नाग के काटने से राजा परीक्षित की मौत हो गई थी। कुछ वर्षों के बाद तक्षक की चौथी पीढ़ी की कन्या का विवाह राजा परीक्षित की चौथी पीढ़ी में हुआ।विवाह के बाद उसने अतीत का यह राज एक सेविका को बता दिया ।और सेविका ने इस राज को अपने सभी सहेलियों को बता दिया जिससे यह राज राजा के कानों तक जा पहुंचा और गुस्साए राजा ने सभी सेविकाओं को पीट पीट कर मरवा डाला।तभी से यहां गुड़िया पीटने की परंपरा मनाई जा रही है।

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