74 साल बाद भी वाराणसी नगर विकास से कोसों दूर, अपनी दुर्दशा पर रो रहा शहर - प्रथम 24 न्यूज़

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74 साल बाद भी वाराणसी नगर विकास से कोसों दूर, अपनी दुर्दशा पर रो रहा शहर


वाराणसी मंडल ब्यूरो: रियाज अहमद खान की विशेष रिपोर्ट-


प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में इन दिनों गंदगी का अंबार व सीवर लीकेज जलजमाव की समस्या सबसे मुख्य रूप से नगर में चर्चा ए आम है। आज़ादी के 74 वर्ष हो गए देश को लेकिन अभी भी वाराणसी जो बाबा भोलेनाथ की सुप्रसिद्ध व प्राचीन नगरी मानी जाती है।


यहां आज भी कई सड़कें और गलियां ऐसे है जो अपने किस्मत पर आंसू बहा रही है। कहीं कूड़े की समस्या तो कहीं सीवर जलजमाव की समस्या और तो और पीने के पानी में भी सीवर का पानी लिंक होकर घर घर में नल के द्वारा आता रहता है जिससे लोग तरह तरह की बीमारी के शिकार होते हैं


इसी तरह वाराणसी के थाना जैतपुरा क्षेत्र शैलपुत्री इलाके की सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है जगह-जगह गड्ढे और सीवर का पानी भरा हुआ है वाराणसी का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां समस्याएं ना हो और जहां सड़कें छतिग्रस्त ना हो शैलपुत्री इलाके के स्थानीय लोगों ने कई बार सड़क के विषय में क्षेत्रीय प्रतिनिधि और शासन प्रशासन को अवगत कराया है। मगर नतीजा संतोष जनक नही रहा, जो जैसे था वह आज भी वैसा ही रहा है।


कई सालों से यह समस्या है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं राहगीर और दर्शनार्थी  इसी रास्ते से गुजरते हैं, अक्सर लोग सडक में बने गड्ढे में गिर कर घायल हो जाते हो लेकिन फिर भी शासन प्रशासन को जरा भी फिक्र नहीं है कि इस सड़क को मरम्मत ही करवा दो जहां एक तरफ जीटी रोड के चारों ओर विकास हो रहा है वही लोकल रिहायशी इलाको की सड़कें बद से बदतर हालात मैं है और इन रिहायशी इलाकों की सड़कों को उसके हालात पर आंसू बहाने के लिए छोड़ दिया गया है, वह इस वजह से की जीटी रोड से तो VIP लोगो का अक्सर आगमन होता रहता है और लोकल रिहायशी सड़कों पर तो सिर्फ आम जनता का ही आना जाना होता है ना कि वीआइपीओ या सांसदों का अब ऐसे में तो स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत अभियान की बात करना बेईमान होगी शासन प्रशासन के लोग सिर्फ जीटी रोड पर ही ध्यान देते हैं लोकल सड़कों पर नहीं और अगर पता चल जाए कि इस सड़क से VIP का आगमन होने वाला है तो रातों रात सड़क को दुरुस्त कर लिया जाता है जैसे मानो कभी खराब ही ना था, यही नहीं सड़क भी ऐसी बनाई जाती है कि कुछ दिन के बाद फिर सड़को में गिट्टिया उखड़ने लगती है और जगह जगह गड्ढा हो जाता है।


इसी क्षेत्र के रहने वाले सुरेंद्र भाई ने बताया ना जाने कितनी बार इस विभाग से जुड़े अधिकारियों को सूचना दिया जा चुका है लिखित तो उसके बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है और ना ही यहां के प्रतिनिधि हम लोगों की समस्याएं सुनने के लिए आते हैं आखिर कौन सुने फरियाद यहां की जनता की।

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