सत्ता के नशे में चूर जदयू के विधायक नीरज उर्फ गोपाल मंडल द्वारा वैश्य समाज पर अभद्र टिप्पणी करने से देश भर के वैश्य समाज मे दिखी नाराजगी - प्रथम 24 न्यूज़

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सत्ता के नशे में चूर जदयू के विधायक नीरज उर्फ गोपाल मंडल द्वारा वैश्य समाज पर अभद्र टिप्पणी करने से देश भर के वैश्य समाज मे दिखी नाराजगी



बिहार/उत्तर प्रदेश।


सत्ता के नशे में चूर बिहार के भागलपुर जिले के गोपालपुर से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के विधायक नीरज मंडल उर्फ गोपाल मंडल व बांका गांव वालों के मध्य रविवार को उस समय तनातनी हो गई जब विधायक अपने हथियार बन्द 30 गुंडों को लेकर उक्त गांव की 20 एकड़ की जमीन पर कब्जा जमाने पहुंचे थे, मौके पर एकत्रित हुवे ग्रामीणों ने दबंग विधायक को घेर लिया।


इस दौरान दोनों ही पक्षों की तरफ से कई घण्टे तक नोकझोंक हुई। उक्त घटना की जानकारी होते ही मौके पर पहुचे जदयू के जिला महामंत्री उमेश यादव ने पहुंचकर बीच-बचाव किया और दोनों पक्षों को समझाया।


ग्रामीणों का कहना है कि उक्त विधायक गोपाल मंडल एक सनकी और दबंग आदमी है, जो अपने हथियार बन्द गुर्गों के साथ सारे आम दबंगई करता रहता है।


🔔 वैश्य समाज को क्या कहा जदयू विधायक गोपाल मंडल.....


उपरोक्त घटना के बाद भी विधायक गोपाल मंडल के तेवर में कोई कमी नहीं आई। बीते सोमवार को नवगछिया अनुमंडल कार्यालय कैंपस में चर्चा के दौरान जब मीडिया ने इस घटना को लेकर उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा, 'अगर पुलिस नहीं आती तो दोनों तरफ से मार होती। वह लोग ज्यादा लाठीबाज नहीं थे, "बनिया बेताल" था और हमारे सामने टिकते नहीं। एक बार लाठी पकड़ लेते तो कितना को छांट देते। लड़ाकू आदमी हैं हम। और तो और मेरे पास रिवॉल्वर तो रहता ही है, जरूरत पड़ती तो ठोक देते। हो सकता है कि आक्रोश में हम गोली ही मार देते।'


विधायक गोपाल मंडल ने कबूला:-


विधायक ने कहा, 'बंधक बनाने की बात झूठी है, सिर्फ बातचीत हुई थी। एक घंटा हम लोगों को डिस्टर्ब किया, उसको बंधक कहिए या जो कहिए। मैंने डीएसपी को कहा कि गांव में हंगामा मच रहा है और कुछ कहानी हो सकती है। मैंने कहा कि मैं हथियार लेकर आया हूं और गांव वाले भी लाठी-डंडा लेकर तैयार हैं, कुछ ना कुछ हो सकता है।


मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, विधायक आधे दर्जन वाहनों में करीब 30 हथियार बन्द लोगो के साथ जमीन पर दावा करने बीते रविवार शाम बांका स्थित श्याम बाजार पहुंचे थे, मगर ग्रामीणों के एक जुट होने से मामला बढ़ गया। इस बात की सूचना जब जदयू के जिला महामंत्री उमेश यादव को पता चली तो उन्होंने पुलिस के साथ गांव में जाकर किसी तरीके से आक्रोशित जनता को शांत कराया और विधायक को वापस भेजा।

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