इतिहास में गोरखपुर का नाम आठ बार बदल चुका है, इस नाम तक पहुंचने में गढ़ी गई कई रोचक कहानियां..आइए आज जानते है नजदीक से गोरखपुर को - प्रथम 24 न्यूज़

Header Ads

इतिहास में गोरखपुर का नाम आठ बार बदल चुका है, इस नाम तक पहुंचने में गढ़ी गई कई रोचक कहानियां..आइए आज जानते है नजदीक से गोरखपुर को





गोरखपुर/उत्तर प्रदेश

उमाकान्त मद्धेशिया


प्राचीन भारत के इतिहासकारों के अनुसार गोरखपुर का नाम कभी रामग्राम भी हुआ करता था जो कालांतर में दुनिया को योग से परिचित कराने वाले महागुरु गुरु गोरक्षनाथ के नाम से होते हुए गोरखपुर पर आकर ठहर गया। दुनिया को योग से परिचित कराने वाले महायोगी गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर गोरखपुर का मौजूदा नाम 217 साल पुराना है।




इसके पहले नौवीं शताब्दी में भी इसे गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर ‘गोरक्षपुर’ के नाम से जाना जाता था। बाद की सदियों में शासकों की हुकूमत के साथ इस क्षेत्र का नाम भी बार-बार बदलता रहा। कभी सूब-ए-सर्किया के नाम से जाना गया, कभी अख्तर नगर, कभी गोरखपुर सरकार तो कभी मोअज्जमाबाद के नाम से। अंतत: अंग्रेजों ने 1801 में इसका नाम ‘गोरखपुर’ कर दिया जो नौवीं शताब्दी के ‘गोरक्षपुर’ और गुरु गोरक्षनाथ पर आधारित है।




साहित्यकार डॉ. वेदप्रकाश पांडेय द्वारा संपादित किताब ‘शहरनामा’ के अनुसार मुगलकाल में जब जौनपुर में सर्की शासक हुए तो इसका नाम बदलकर सूब-ए-सर्किया कर दिया गया। एक समय में इसका नाम अख्तरनगर भी था। फिर वह दौर आया जब इसे गोरखपुर सरकार कहा गया।




औरंगजेब के बेटे के नाम पर हुआ मोअज्जमाबाद

औरंगजेब के शासन (1658-1707) के दौरान इसका नाम मोअज्जमाबाद पड़ा। औरंगजेब का बेटा मुअज्जम यहां शिकार के लिए आया था। वह कुछ वक्त तक यहां ठहरा। उसी के नाम पर शहर का नाम मोअज्जमाबाद कर दिया गया। 1801 में अंग्रेजों ने एक बार फिर गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर शहर का नाम बदलकर गोरखपुर कर दिया। तबसे आज तक इसका नाम यही है।




गोरखपुर विवि के प्राचीन इतिहास विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. राजवंत राव के अनुसार जहां रामगढ़झील है वहां 2600 साल पहले रामग्राम हुआ करता था। यह कोलियों की राजधानी थी। भौगोलिक आपदा के चलते रामग्राम धंसकर झील में बदल गया। चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में इस क्षेत्र को पिप्पलिवन के नाम से भी जाना गया। गुरु गोरक्षनाथ के बढ़ते प्रभाव के चलते नौवीं शताब्दी में इसका नाम गोरक्षपुर हुआ।


कब रहा कौन सा नाम


रामग्राम, छठवीं शताबदी ईसा पूर्व


पिप्पलीवन-तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व


गोरक्षपुर-नौवीं शताब्दी


सूब-ए-सर्किया-13वीं, 14वीं शताब्दी


अख्तरनगर-14वीं शताब्दी के बाद किसी कालखंड में


गोरखपुर सरकार-17वीं शताब्दी से पूर्व किसी कालखंड में


मोअज्जमाबाद-17वीं शताब्दी में


गोरखपुर-1801 से अब तक

कोई टिप्पणी नहीं

इस पोस्ट से सम्बंधित अपने विचारों से हमे अवगत जरूर कराए

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.