जानिए अपने नगर/जनपद को, इस बार हम जानकारी दे रहे है महराजगंज जनपद के प्रख्यात नगर नौतनवा विशेष......भाग-3/1 - प्रथम 24 न्यूज़

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जानिए अपने नगर/जनपद को, इस बार हम जानकारी दे रहे है महराजगंज जनपद के प्रख्यात नगर नौतनवा विशेष......भाग-3/1



उमाकान्त मद्धेशिया।

महराजगंज जनपद उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण जिला है, जिले का मुख्यालय महराजगंज में स्थित है। यह भारत नेपाल की सीमा के समीप स्थित है। पहले इस जगह को "करापथ" के नाम से जाना जाता था। यह जिला नेपाल के दक्षिण, गोरखपुर जिले के उत्तर, कुशीनगर जिले के पश्चिम, सिद्धार्थ नगर के पूर्व व संतकबीरनगर जिले के उत्तर-पूर्व में स्थित है।



ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह जिला काफी महत्व पूर्ण स्थल है, वर्तमान समय में महराजगंज जिले में 4 तहसील है और 12 ब्लॉक है और सरकारी वेबसाइट अनुसार 1262 गांव है लेकिन हमे ग्रामो के बारे में जानकारी 1201 की ही मिली शायद इन 61 ग्रामो का निर्माण अर्वाचीन है। 


4 तहसील इस प्रकार है - 👇


महराजगंज

निचलौल

फरेन्दा

नौतनवां



आज हम जिस शहर नगर की चर्चा करने जा रहे है वह है नगर पालिका नौतनवा, तो आइए जानते है इस नगर को नजदीक से.....


नौतनवां तहसील के अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत कौलही राजधानी जो कि इसी गाँव के जमींदार श्री बलराम पाण्डेय जी का था वो यही पर अपनी छावनी बना के रहते थे वो बहुत ही उदार जमींदार  थे उनके शासन काल मे उनके पास 22 गांव की जमींदारी थी वो लोगो की समस्या को सुनते थे और उनका उचित समाधान करते थे जिससे गांव के लोग बहुत ही खुशी के साथ रहते थे और उनका बहुत ही सम्मान करते थे ।



बलराम पाण्डेय जी के चार लड़के थे - कृष्णनारायण पाण्डेय, गोविंद नारायण पाण्डेय, विष्णु नारायण पाण्डेय , घनश्याम नारायण पाण्डेय


एक समय की बात है 8 फरवरी का दिन था, साल 1921 रहा होगा। अविभाजित गोरखपुर का रेलवे स्टेशन सुबह सवेरे ही भारत माता की जय, महात्मा गांधी का हज़ारों की भीड़ एक झलक पाने को बेचैन थी। ट्रेन के पहुंचते ही जोश और बढ़ गया। घुटनों तक धोती पहने दुबला-पतला एक व्यक्ति समर्थकों के साथ स्टेशन से बाहर निकला और एक ऊंचे स्थान पर खड़ा होकर जनता का अभिवादन स्वीकार किया। सामने एक चादर बिछी थी उस पर पैसों की बरसात हो रही थी।



यह दुबले पतले व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि देश की धड़कन महात्मा गांधी थे। आज़ादी की जंग में गोरखपुर की भागीदारी सुनिश्चित करने वह यहां पहुंचे थे। चुकी उस समय महारजगंज जिला गोरखपुर के अंतर्गत आता था।


वही पे बलराम पाण्डेय जी के ज्येष्ठ पुत्र श्री कृष्णनारायण पाण्डेय जी की मुलाकात महात्मा गाँधी जी से हुई और वही से उन्होंने गांधी जी के साथ मिलकर देश की लड़ाई में देश के लिए खड़े होकर गांधी जी के साथ लड़ाई लड़ी और देश को आजाद करवाया देंश आजाद होने के बाद भारत सरकार द्वारा सभी सेनानियों को भत्ता दिया जा रहा था उसी समय श्री कृष्णनारायण पाण्डेय जी को भी बुलाया गया और उन्हें भत्ता दिया जाने लगा तभी कृष्णनारायण पाण्डेय जी ने अधिकारी से कहा --कि एक बात पूछे तो अधिकारी ने कहा -पूछिए तो कृष्णरायण पाण्डेय जी ने स्पष्ट शब्दों में पूछा- कि अगर मेरी जगह पर गाँधी जी होते तो क्या वो भत्ता लेते, अधिकारी ने कहा-नही, कृष्णनारायण पाण्डेय जी ने कहा -कि आप ने सोच कैसे लिया कि अगर गाँधी जी भत्ता नही लेते तो मैं कैसे ले सकता हूँ यही कहते हुए वो वहाँ से खड़े हो गए


क्या क्या विस्तार हुआ नौतनवा में आइए इस पर थोड़ा प्रकाश डालने की कोशिश करते है....



रेलवे मार्ग से गोरखपुर, वाराणसी, छपरा, लखनऊ सहित पूरे देश मे आने-जाने की सुगमता,



नेशनल हाइवे से जुड़ा नगर का सड़क मार्ग, नजदीकी सरकारी बस अड्डा सोनौली (७किमी), देश की राजधानी सहित अन्य प्रदेशों में जाने-आने की सुगमता


नगर की विशेषता: घंटा घर, गांधी चौक, आज़ाद चौक, सुभाष चौक, सैनिक चौक, बौद्ध परिपथ मार्ग


क्रमशः: भाग 3/2 में जानकारी देंगे आपको नौतनवा के प्रमुख स्थानों के बारे में

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