नेपाल के एकतरफा सीलबन्दी को लेकर सोनौली बॉर्डर पर समाजसेवियों व व्यापारियों ने खोला मोर्चा
अमजद अली व संतोष यादव की संयुक्त रिपोर्ट
सोनौली-महराजगंज
कोविड-19 महामारी को लेकर बिगत आठ में से सील भारत नेपाल सीमा पर आवागमन बहाली को लेकर कई बार अफवाहों का बाजार गर्म हुआ मगर नतीजा सिफर रहा। लोगो की आस अब जवाब देने लगी है। वही स्थानीय भारतीय जनता, व्यापारी, कामगारों में नेपाल सरकार के एकतरफा सीलबन्दी को लेकर लगातार नाराजगी बढ़ती जा रही है।
जानकारी देते चले कि भारत नेपाल के रिश्ते रोटी-बेटी का आदिकाल से जुड़ा हुआ है, जिस पर कभी किसी देश ने आवागमन पर प्रतिबंध नही लगाया, मगर महामारी के रूप में फैले वायरल कोविड-19 को लेकर नेपाल की ओली सरकार ने एकतरफा बॉर्डर सील कर दिया, जिससे भारतीय व नेपाली सरहदी बाजारों में मातम जैसा माहौल हो गया। नेपाल के एकतरफा सीलबन्दी को लेकर नेपाल की जनता ने कई बार नेपाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला मगर नेपाल सरकार के कानोबपर जू तक नही रेंगा।
सोनौली बॉर्डर आवागमन बहाली को लेकर आज सोनौली के व्यापारियों ने नो मेंस लैण्ड पर नेपाल सरकार के एकतरफा सीलबन्दी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया, इस मौके पर व्यापारी नेताओ ने बताया कि नेपाल के एकतरफा सीलबन्दी को लेकर आज स्थिति यह हो गई है कि, भारतीय कामगारों को भुखमरी के कगार पर पहुचा दिया है, तो वही दूसरी तरफ सरहदी व्यापारियों के लिए भारी समस्या उतपन्न कर दिया है। व्यापारी नेताओ ने यह भी बताया कि नेपाल जाने वाले ट्रको की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।
सबसे बड़ी समस्या दिहाड़ी करने वाले मजदूरों के सामने है अब उनके समक्ष खाने के लाले पड़ चुके है, जिससे कामगार वर्ग का एक बड़ा तबका औद्योगिक शहरों की तरफ पलायन कर चुका है। व्यापारी नेताओ कहा कि वह दिन दूर नही जब भारत नेपाल का यह सीमा अपनी व्यावसायिक कस्बे की पहचान खो देगा।
प्रदर्शन के मौके पर व्यापारी नेता व समाज सेवी सुरेश मणि त्रिपाठी, भाजपा नेता प्रेम जायसवाल, संजीव जायसवाल, सूरज गुप्ता सहित भारी संख्या में लोगो ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
Post a Comment