पत्रकारो की सुरक्षा लेकर मौन है सरकार, आज फिर एक पत्रकार के साथ अपहरण, लूट और मारपीट पत्रकार जगत में आक्रोश, सौपा ज्ञापन
नीमच। बिती रात मालव दर्शन के पत्रकार विष्णु मीणा अपने दफ्तर से घर लौट रहे थे, तभी रिसाला मस्जिद के समीप गिरनार कटपीस सेंटर के सामने कुछ अज्ञात बदमाशो ने अपनी बिना नम्बर की स्कॉर्पियो से पहले विष्णु मीणा की बाईक को जोरदार टक्कर मारी उसके बाद मुंह पर कपड़ा बांध कर उसे अपने साथ ले गए। जिला मुख्यालय से करीब 7 -8 किमी दुर ग्रिन होटल के समीप बदमाशो ने विष्णु मीणा को गाड़ी से उतारा और जमकर मारपीट करना शुरू कर दी। साथ ही 2670 रूपये, मोबाईल भी बदमाशो ने छीन लिया। उक्त मामले के बाद पत्रकार जगत में आक्रोश व्याप्त है, जल्द आरोपियो को गिरफ्तार करने की आवाज उठाई जा रही है। आज दोपहर 1 बजे जिला प्रेस क्लब के बेनर तले पत्रकार विष्णु मीणा के आरोपियो को जल्द गिरफ्तार कर कठोर कार्रवाई करने के संबंध मे ज्ञापन पुलिस अधीक्षक और नीमच विधायक दिलीपसिंह परिहार को सौपा है।
पुलिस सुस्त, बदमाश के हौसले बुलंद -
बिती रात जो घटना घटित हुई है वो वाकई निंदनीय और शर्मसार कर देने वाली है। बदमाशो ने एक पत्रकार के साथ जिस प्रकार अपहरण, मारपीट और लूट जैसी संगीन वारदात को अंजाम दिया है, उसे देखते हुए जिले में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए है। पुलिस की चौकसी और रात्रि गस्त यहां असफल साबित हुई है। जहां शहर के बिचो-बीच बदमाशो ने एक पत्रकार का अपहरण कर उसके साथ मारपीट और लूट की घटना की।
प्राथमिक जानकारी के तौर पर सामने आया है कि घटना को अंजाम देने वाले लोग तस्कर गैंग के गुर्गे है, जिन्होने समाचार को लेकर पत्रकार के साथ वारदात को अंजाम दिया। इधर पुलिस ने मामले में अपनी पड़ताल शुरू कर दी है और फरीयादी द्वारा बताए गए कुछ लोगो को पुलिस ने उठाया है, जिनसे पुछताछ की जा रही है वहीं केंट पुलिस ने कुछ संदिग्ध वाहनो को भी शंका के आधार पर जब्त किया है।
पुलिस और तस्करो के गठजोड -
जिले में पिछले कुछ समय से तस्करो की अवैध गतिविधियां लगातार देखने को मिल रही है। जहां पुलिस अपनी कार्रवाई को अंजाम तो देती है, लेकिन पुलिस और तस्करो के गठजोड़ को भी नाकार नही जा सकता, जिसके चलते क्षेत्र में तस्करो के हौंसले बुलंद हो चुके है। पत्रकार के साथ कारीत घटनाक्रम में भी कुछ एसी ही आशंकाए व्यक्त की जा रही है, जिसमें तस्करो का यह गठजोड़ उजागर करने वालो पर हमले तक किए जा रहे है। बताया जा रहा है कि पत्रकार के साथ मारपीट के दौरान बदमाशो द्वारा यह भी कहां गया कि उनके खिलाफ लगने वाले समाचारो से उनका तस्करी के धंधे पर असर पड़ रहा है। बदमाशो की इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में तस्करो को पुलिस से ज्यादा पत्रकारो का खौफ है, जो उनके काले कारनामो को सबके सामने रखने की हिमाकत दिखा रहे है और पत्रकार की इसी हौंसले को दफन करने के लिए बदमाशो द्वारा उसके साथ अपहरण, मारपीट और लूट जैसी संगीन वारदात को अंजाम दिया जा रहा है। ऐसे में देखना होगा, पुलिस पत्रकार के साथ हुई बरबर्ता के खिलाफ बदमाशो की किस तरह तफतीश कर उन्हे सलाखो की ओर धकेलती है।
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