बच्चों की स्कूल फीस माफ हो, शिक्षकों और कर्मचारियों को आर्थिक सहायता दे सरकार: अजय कुमार लल्लू - प्रथम 24 न्यूज़

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बच्चों की स्कूल फीस माफ हो, शिक्षकों और कर्मचारियों को आर्थिक सहायता दे सरकार: अजय कुमार लल्लू


कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र


लखनऊ।
 उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कोरोना महामारी में प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की फीस माफी और शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों के लिए आर्थिक सहायता की मांग की है।

पत्र में अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने लिखा है कि विगत 4 माह से वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते रोजगार में प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के कारण लाखों मध्यम आय वर्ग के अभिभावकों को अपने बच्चों की फीस जमा कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि:


1.प्रदेश में संचालित यू.पी. बोर्ड, सी.बी.एस.ई. बोर्ड, आई.सी.एस.ई बोर्ड एवं अन्य बोर्डो के छात्रों की विगत 4 माह की फीस माफ की जाये।

2.इन शिक्षण संस्थानों में कार्यरत मान्यता/गैर मान्यता प्राप्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों को सरकार से कम से कम  8 हजार रूपये प्रतिमाह सहायता प्रदान की जाये।

3.नए साल की पाठ्य पुस्तकों में बदलाव न किया जाये।

4.बच्चों की ड्रेस बार-बार न बदली जाये।


*Waive off school fee of children, extend financial aid to teachers and staff: Ajay Kumar Lallu*



*UPCC president writes to Chief Minister Yogi Adityanath*



*Lucknow, 29 July 2020:* Uttar Pradesh Congress Committee (UPCC) president Mr Ajay Kumar Lallu on Wednesday wrote to Chief Minister Yogi Adityanath, demanding tuition fee waiver for the students of private schools and financial assistance to teachers and other staff.



In the letter, Mr Lallu has stated that for the past four months lakhs of lower-middle class families have been hit hard by the corona pandemic and are facing financial hardships in depositing school fees.



In the letter, Mr Lallu has further said that the fee of the past four months should be waived off by schools which are affiliated to UP Board, CBSE, ICSE and other affiliating boards.



Recognized and unrecognized teachers and other staff working in these schools should get financial assistance at the rate of Rs 8,000 per month. Similarly, there should not be any change in the new syllabus. Even children’s school dress should not be changed so frequently.

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