कोतवाल सदर ने किया पत्रकार से बदसलूकी पत्रकारों में आक्रोश - प्रथम 24 न्यूज़

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कोतवाल सदर ने किया पत्रकार से बदसलूकी पत्रकारों में आक्रोश


👉 कप्तान को प्रार्थना पत्र दे किया शिकायत पर नही हुई कोई कार्यवाही

 👉 जर्नलिस्ट प्रेस क्लब ने बैठक कर बनाई रणनीति ,जताया आक्रोश

महराजगंज

 बीते चार दिन पहले मान्यता प्राप्त पत्रकार सुनील यादव के संग सदर कोतवाल ने जम के बदसलूकी की उससे भी जी नही भरा तो समाचार संकलन हेतु गए सुनील यादव की बाइक को ई चालान कर दिया एक तरफ तो राज्य व केंद्र सरकार इस वैश्विक महामारी में पत्रकारों के योगदान की सराहना करते हुए उनसे सहयोग मांगने के साथ उनका सम्मान करने का आदेश दे रही तो यही कुछ पुलिस वाले अपनी झूठी शान साबित करने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे जिसका जीत जगत उदाहरण सदर कोतवाल ने मान्यता प्राप्त पत्रकार सुनील यादव के साथ कर सावित कर दिया कि शासन सत्ता का आदेश चाहे जो भी हो पर हम करेंगे वही जो मेरे दिल मे है और कर के दिखा भी दिए इतना ही नही उससे भी बड़ी बात तो यह रही कि इसकी शिकायत उस पत्रकार ने जिले के मुखिया माननीय कप्तान साहब को दी पर न जाने क्यों यह इतनी बड़ी घटना कप्तान साहब ने भी दर किनार करते हुए चार दिनों से कार्यवाही का सिर्फ आश्वासन दे रहे जिससे नाराज जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब के तत्वावधान में शनिवार को पत्रकारों की एक आपात बैठक जिलाध्यक्ष अजय श्रीवास्तव के नेतृत्व में हुई।

 इसमें प्रशासन के उपेक्षा और उदासीनता भरे रवैये की घोर निंदा की गई। साथ ही मांग की गई कि जिसप्रकार केंद्र सरकार और राज्य सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की मजबूती और सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्धता दिखा रही है उस पर प्रशासनिक अधिकारी अमल करें।
जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब की बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता को लेकर पत्रकार आक्रोशित हो गए। इसमें पत्रकारों ने एक स्वर में कहा कि देश इस समय वैश्विक महामारी कोविड-19 से लड़ने में जुटा है। विपरीत परिस्थितियों में भी पत्रकार जान जोखिम में डालकर शासन प्रशासन तथा जनता के बीच अहम कड़ी बने हुए है। इससे ना सिर्फ आम जनता की समस्याओ को दूर करने में सरकार का सहयोग हो रहा है बल्कि प्रशासन को भी काफी सहयोग मिल रहा है। जिसके चलते केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार पत्रकारो की स्वतंत्रता और सुरक्षा को लेकर सजग दिखी। लेकिन हैरानी की बात है कि जिले में अधिकारियों के बीच में तेजी से लालफीताशाही की सोच पनप रही है जो ना सिर्फ पत्रकार के लिए बल्कि आम जनता के लिए मुसीबत बन सकती है। बैठक में कहा गया कि हाल के दिनों में पत्रकारो को खबर कवरेज करने और अधिकारियो का वर्जन लेने तथा जनता की समस्याओं को लेकर उठाई गई आवाज को जिस तरह दबाने की कोशिश की गई है वह ना सिर्फ लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर प्रहार है बल्कि सरकार के आदेशों और निर्देशों का भी खुला उलंघन है। पत्रकारों के साथ पुलिस कर्मियों का उलझना जिले में परंपरा बनती जा रही है। क्लब के थ पदाधिकारियों हालांकि इस संबंध में जिला प्रशासन को अवगत भी कराया गया है लेकिन उच्चाधिकारियों द्वारा किसी भी मामले को गंभीरता से ना लेना यह सुनिश्चित करता है कि पत्रकारो की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है जो लोकतंत्र में ना उचित है ना ही सम्भव है। पत्रकारों ने कहा कि यदि इसी तरह जिला प्रशासन रवैये को अख्तियार करेगा तो पत्रकारों को बाध्य होकर धरना देना पड़ेगा। जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। इस दौरान संरक्षक जेपी सिंह, सुनील श्रीवास्तव, दीपक शरण श्रीवास्तव, विश्दीपक त्रिपाठी, नवीन सिंह, संजय पांडे, शैलेश पांडेय, अनिल वर्मा, सत्यप्रकाश मद्देशिया, विपिन श्रीवास्तव, रवि राय, सुनील यादव, विनोद गुप्ता, विवेक गुप्ता, जितेन्द्र निषाद,सतेंद्र मणि, रविन्द्र, सहित काफी संख्या में पत्रकार मौजूद रहे।

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