दारूल उलूम फैज़े मोहम्मदी हथियागढ़ से 12 छात्रों के साथ 3 स्टाफ को स्कूल के बस से उनके घरों को भेजा गया
🔔 लाक डाउन के कारण स्कूल में ही फंसे हुए थे 12 छात्र
🔔 थर्मल स्क्रीनिंग व मेडिकल जांच के बाद रवाना किए गए बिहार व झारखंड के छात्र
तहसील ब्यूरो फरेंदा से नसीम खान की रिपोर्ट
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ईदुल फित्तर की आमद एक ऐसे समय में हो रही है कि जब केवल देश प्रेमी ही नही बल्कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस की भयावह स्थिति में है और दुनिया के अधिकतर देशों में लाकडाउन चल रहा है। ऐसे में हर व्यक्ति चाहे वह मजदूर हो या व्यापारी, निर्धन हो या धनवान, अपने घर वापस होने की चिन्ता करता है।
दारूल उलूम फैज़े मोहम्मदी हथियागढ़ में शासन के निर्देशानुसार छुट्टी कर दी गयी थी मगर मिशकात शरीफ के छात्र अपनी तैयारी के लिये रूक गये और आज तक घर नही जा पा रहे थे। विद्यालय के संरक्षक मौलाना कारी मोहम्मद तैयब कासमी की फिकरों से छात्रों की हर तरह मेडिकल जांच, थरमल स्क्रीनिंग कराई गई। ईश्वर की कृपा से सभी छात्र स्वस्थ है। और जिला प्रशासन से दारूल उलूम के प्रधानाचार्य मौलाना मोहियुददीन कासमी नदवी ने कानूनी प्रक्रिया से उनके घर बिहार व झारखण्ड जाने की अनुमति प्राप्त कर ली और विद्यालय के संस्थापक के सहयोग से इकरा फाउन्डेशन हथियागढ़ के बस से दारूल उलूम के खर्चे पर सभी छात्रों को उनके घर के लिये रवाना किया।
रवाना करते समय इकरा फाउन्डेशन के संस्थापक हज़रत मौलाना कारी मो0 तैयब कासमी नेे उन्हे इस महामारी के सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन करते हुए ईश्वर से अनाबत की हिदायत दी और यह भी कहा कि आप लोग देश में जहां हों ईश्वर का बन्दा होने के साथ-साथ मुल्क व समाज के कल्याण के लिये हमेंशा मेहनत करें।
रवान्गी के मौका पर छात्रों के अलावा मौलाना मोहम्मद अशफाक़, मौलाना वजहुल कमर कासमी, मौलाना जिल्लुर्रहमान नदवी, मास्टर मोहम्मद उमर, मास्टर फैज़ अहमद, पत्रकार दिनेश मिश्रा, ड्राईवर राकेश यादव और उनके सहयोगी इन्सान अली मौजूद थे।
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