अखबारों में वैश्य समाज को उचित स्थान देने कतराते है संवाददाता और संपादक
बलिया के प्रतिष्ठित अखबार ने लाखों जनसंख्या वाले वैश्य समुदाय को किया उपेक्षित
वैश्य समाज के वरिष्ठ नेता व भाजपा पिछड़ा वर्ग जिला अध्यक्ष रतन गुप्ता ने जताई घोर आपत्ति
आजमगढ़।
हर जिले के लोकसभा चुनावी माहौल में सभी छोटे बड़े अखबार अपने अपने पर स्तर चुनावी सरगर्मियों की सभी छोटी बड़ी खबरें चला कर वाह वाही लूटने में लगे है, जबकि वही अखबार वैश्य समाज को उपेक्षित करते हुवे नजर आए, जिसका ताजा उदाहरण देखने को मिला बलिया से।
इसी कड़ी में दिनांक 27-05-24 को अमर उजाला बलिया संस्करण में प्रकाशित एक चुनावी खबर को लेकर वैश्य समुदाय में असंतोष व्याप्त हो गया है। उक्त प्रतिष्ठित अखबार में बलिया जिले के जातिवार मतदाताओं की प्रतिशत आधारित सूची प्रकाशित की गई है परंतु दुखद पहलू यह है कि उस न्यूज़ के लिखने वाले पत्रकार ने हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण वर्ण वैश्य समुदाय के कितने प्रतिशत वोट जिले में हैं इसका ज़िक्र तक नहीं किया है।
प्रकाशित समाचार देख कर भाजपा पिछड़ा वर्ग के जिला अध्यक्ष रतन गुप्ता ने गहरा क्षोभ प्रगट करते हुए अपने फेसबुक पर इस बाबत विरोध दर्ज कराया है। उनका कहना है कि एक सच्चे पत्रकार की पहचान उसकी निष्पक्ष रिपोर्टिंग से होती है, ऐसे में अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित अखबार में उनके रिपोर्टर द्वारा समाचार लेखन के दौरान जिले के महत्वपूर्ण वैश्य समुदाय के मतदाताओं को उपेक्षित कर ब्राह्मण, क्षत्रिय , दलित , मुस्लिम सहित सभी वर्ग उपवर्ग समुदाय के वोटरों का प्रतिशत आधारित आंकड़ा प्रकाशित किया जो कि घोर आपत्तिजनक है। इतने बड़े और प्रतिष्ठित अखबार द्वारा समाज के एक अति महत्वपूर्ण तबके वैश्य समुदाय को उपेक्षित कर देना अखबार की निष्पक्षता और पारदर्शिता सवाल पैदा करता है। अमर उजाला अखबार के प्रबंध समूह और बलिया जिले के ब्यूरो चीफ को इस पर यथोचित कार्यवाही करनी चाहिए जिससे वैश्य समुदाय में अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित अखबार की विश्वसनीयता कायम रह सके।
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