भारत नेपाल के भारतीय सीमाई क्षेत्र बने नेपालियों के आशियाने, सुरक्षा को ताख पर रख विचरते है दिन रात
✒️ बॉर्डर स्पेशल रिपोर्ट:
प्रथम 24 न्यूज़
महराजगंज-उत्तर प्रदेश।
भारत मे अपने सीमा का बिस्तार करने की लालसा में चीन की तर्ज पर नेपाली मूल के लोगो का माओवाद काल मे शुरू हुआ घुसपैठ अतिक्रमण आज भी जारी है, आज के हालात पर नजर डाले तो कई शहरों में पहाड़ी मोहल्ला, पहाड़ी गांव, नेपाली मोहल्ला, नेपाली टोला का नाम सुनने को मिल रहा है। इस विदेशी घुसपैठ अतिक्रमण में सिर्फ पहाड़ी मूल के लोग ही नही है बल्कि नेपाल में वर्षो पहले जा कर बसे भारतीय मूल के लोग भी अब भारत मे घुसपैठ कर रहे है, यह लोग भारत के विभिन्न शहरों में जमीन, गाड़ी, मकान बना रहे है यही नही, यह लोग भारत के हर एक प्रमाण पत्र पर लगातार अधिकार भी जमा रहे है। जिससे इनको भारतीय होने का प्रमाण मिल सके।
हालांकि यह काम यह सिर्फ अकेले अपने दम पर नही कर रहे इस कार्य मे यहां के भ्रष्टाचार में लिप्त कुछ अधिकारियों का भी हाथ है, तभी तो इनको सभी प्रमाण प्राप्त हो गया है जो बिरले ही किसी मूल निवासी को मिला हो, इस काम मे सभासद हो या ग्रामप्रधान या फिर कोई जिम्मेदार जनप्रतिनिधि, सबकी संलिप्तता माना जा रहा है। जिससे इनको भारत के निवासी होने का प्रमाण पत्र दिया जाता है।
एक आम भारतीय नागरिक को राशनकार्ड हो या अन्य सरकारी लाभ इन सबके लिए चक्कर पर चक्कर लगाने पड़ते है, मगर नेपाली घुसपैठियों के सभी प्रमाण घर बैठे उपलब्ध करा दिया जाता है।
नौतनवां में ऐसी ही एक संगीन मामलों में एडीएम नौतनवां ने कुछ वर्ष पूर्व कड़ी कार्यवाही करते हुवे कुछ समय के लिए लगाम लगा दिया था। बताते चले कि महराजगंज जनपद के नौतनवां में कुछ वर्ष पहले नेपालियों के फर्जी दस्तावेजों के साथ आधारकार्ड व पैनकार्ड बनाया जा रहा था, इसकी शिकायत जैसे ही उस समय के एसडीएम नौतनवां को मिली तो आनन फानन में उस सेंटर पर पहुच छापेमारी की, जिसमे भारी संख्या में नेपाल के मार्चवार सहित पहाड़ व तराई क्षेत्र के बहुत सारे लोगो का नेपाली नागरिकता व भारतीय जाली प्रमाण पत्र के दस्तावेज बरामद हुआ था।
अब देखना यह है कि क्या इन अवैध नेपाली घुसपैठियों पर सरकार व यहां की सुरक्षा तंत्र अंकुश लगाती है या यूं ही मूक दर्शक बन तमाशबीन बनी रहेगी।
Post a Comment